हरियाणा के पलवल में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपनी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी से दुष्कर्म और गर्भवती करने के आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को साढ़े सात लाख रुपये आर्थिक सहायता के तौर पर देने का भी आदेश दिया है।
सरकारी वकील हरकेश कुमार ने बताया कि बहीन थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग से दुष्कर्म कर गर्भवती करने का मामला अदालत में विचाराधीन था। दो अक्टूबर 2020 में महिला पुलिस थाने में दर्ज मामले के मुताबिक एक व्यक्ति ने अपनी 17 वर्षीय बेटी के साथ तीन वर्ष तक दुष्कर्म किया। उसके गर्भवती होने पर इस शर्मनाक मामले का खुलासा हुआ। महिला थाना पुलिस ने पिता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
दुष्कर्म की पुष्टि करने के लिए पुलिस द्वारा नाबालिग के पेट में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट भी कराया गया। इस जांच से स्पष्ट हो गया लड़की का पिता ही आरोपी है। उसी समय से यह मामला अदालत में चल रहा था। पेशे से मजदूर आरोपी पिता भी तभी से जेल में है।
पीड़िता की तरफ से सरकारी वकील ने दलील में कहा में पिता की दरिंदगी को देखते हुए उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। वकील की दलीलों और जांच अधिकारी द्वारा अदालत में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई और दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।