राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महामहिम राष्ट्रपति से कराई जानी चाहिए या शंकराचार्य, अखाड़े के अध्यक्षों से कराई जानी चाहिए थी- हरीश रावत वरिष्ठ कांग्रेस नेता।

हरीश रावत ने कहा हमारा सवाल? यह है कि उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंदी कैसे राम मन्दिर प्रतिष्ठा में जाएंगे।

*राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महामहिम राष्ट्रपति से कराई जानी चाहिए या शंकराचार्य, अखाड़े के अध्यक्षों से कराई जानी चाहिए थी- हरीश रावत वरिष्ठ कांग्रेस नेता*

एंकर-कल अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होनी है मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हो गई थी जिसको लेकर देश में खुशी का माहौल है वहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में मंदिरों में सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। कल घर-घर में दीपक भी जलाए जाएंगे। साथ ही हनुमान चालीसा रामायण का पाठ भी घर-घर में पढ़ा जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा राम को चुनाव में घसीटने के हम बिल्कुल विरोधी हैं राम जो सर्वमान्य है व्यापी है घाट घाट में राम है जिन पर सबकी आस्था है उसे आस्था को यदि कोई भी बांट रहा है वह राम भक्त नहीं है भाजपा इस समय उसे आस्था को बांट रही है इसलिए भाजपा को राम भक्त नहीं कहा जा सकता। आप चुनाव के मौके पर जो विपक्ष या सत्तारुढी दल का चुनाव प्रचारक है उसको यदि भाजपा प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य यजमान बनाएंगे भाजपा अगर चाहती है।.. सब आए महामहिम राष्ट्रपति से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराई जानी चाहिए सारी राजनीतिक पार्टिया उसमें पहुंचती एक तरफ सत्ता दल के प्रधानमंत्री होते दूसरी तरफ विपक्ष होता एक तरफ योगी होते दूसरी तरफ अखिलेश यादव होते लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।.. आप बीजेपी निष्पक्ष लोगों से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शंकराचार्य से कराते 13 अखाड़े परिषद के अध्यक्ष से करवा लेते लेकिन भाजपा एक मुख्य चुनाव प्रचारक से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवा रही है।.. हरीश रावत ने कहा हमारा सवाल? यह है कि उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंदी कैसे जाएंगे।

बाइट- हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड।

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