उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अप्रैल के पहले पखवाड़े में ही डेंगू ने दस्तक दे दी है। जिले के निजी अस्पतालों में 1 से 13 अप्रैल तक 15 मरीजों में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई है, जिसने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। इस शुरुआती प्रकोप ने लोगों में चिंता बढ़ा दी है।
श्रीमहंत इंदिरेश और ग्राफिक एरा अस्पताल में 13 दिनों के भीतर की गई डेंगू की एलाइजा जांच में ये मामले सामने आए। श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में 710 एलाइजा टेस्ट किए गए, जिनमें 13 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए। वहीं, ग्राफिक एरा अस्पताल में 50 टेस्ट में 2 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई। चिकित्सकों के अनुसार, ये मरीज तेज बुखार, जोड़ों और कमर में दर्द, सिरदर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, मसूड़ों से खून बहने और उल्टी की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचे थे।
डाक्टर के अनुसार मरीजों में शुरुआती लक्षणों में गंभीर बुखार और शारीरिक दर्द प्रमुख हैं।
हैरानी की बात यह है कि डेंगू के 15 मामलों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार नहीं दिख रहा। अधिकारियों को इन मामलों की पूरी जानकारी तक नहीं है, जिसके चलते डेंगू से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इस लापरवाही से स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि समय रहते कदम न उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
मनोज कुमार शर्मा मुख्य चिकित्सक देहरादून