*पेयजल एवं सीवर से सम्बन्धी 1800-180-4100 से सम्पर्क करें। 1916 शिकायत के लिए “शिकायत निवारण केन्द्र*
उत्तराखंड जल संस्थान विभाग द्वारा जनता के लिए नए वर्ष यानी दिनांक 31 /3/2025 को अपने जलमूल्य सीवर सीट शुल्क के अवशेष देयकों के एक मुश्त भुगतान कर विलंब शुल्क में शत प्रतिशत छूट का लाभ उठाएं।
राज्य की जनता को निरन्तर पर्याप्त, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के मूल उद्देश्य की पूर्ति हेतु ये विभाग सत्तत प्रयासरत् है।
तिपय नगरों / क्षेत्रों में दूषित जलापूर्ति के समाचार प्रकाशित होते हैं। इस सम्बन्ध में नागरि निम्नानुसार सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।
• पेयजल एवं सीवर से सम्बन्धी 1800-180-4100 से सम्पर्क करें। शिकायत के लिए “शिकायत निवारण केन्द्र
• समस्या का कारण मुख्यतः पाइप लाईन में लीकेज है जो जल संस्थान की पाईप अधिकांश उपभोक्ताओं के कनैक्शन के ऐसे पाईप हैं जो नाली/सीवर मैनहोल के गुजरते हैं। अपने आस-पास लगे पाईपों की लीकेज पर विशेष ध्यान दें एंव छोटी से घ सूचना जल संस्थान के क्षेत्रीय कार्यालय/मुख्यालय को दें।
• विभागीय कर्मचारियों द्वारा जाँच के समय यदि व्यक्तिगत कनैक्शन के पाईप में लीकेज बिना अन्य नोटिस के तत्काल कनैक्शन बन्द कर दिया जायेगा और अर्थदण्ड लिया जा
• प्रदूषण की समस्या का अन्य प्रमुख कारण लाईन पर सीधे टुल्लू पम्प लगाना है। लीकेज वाले स्थानों पर भरा गन्दा पानी पाईप लाइन में प्रवेश कर जाता है और प्रदूष उत्पन्न होती है।
• यदि देखने में पानी स्वच्छ न हो अथवा उसमें अशुद्धियों के कण दिखायी दें अथव क्लोरीन टेबलेट को प्रयोग में लायें। प्रायः जलापूर्ति के आरम्भ में थोड़ी देर गन्दा शिकायत रहती है बाद में पानी स्वच्छ हो जाता है। स्वच्छ पानी एकत्रित करें।
आसके अतिरिक्त हम आपकी सेवा बेहतर कर सकें, इसके लिये हम आपसे निम्न निवेदन करते है-
1. पेयजल अमूल्य है, कृपया इसका सदुपयोग करें।
2. पेयजल की बरबादी तथा अवैधानिक उपयोग किसी अन्य को प्यासा रख सकता ऐसा न करें।
3. विभाग को देयको का समयान्तर्गत भुगतान कर पेयजल व्यवस्था में सहयोग करें।