राज्य की जनता को निरन्तर पर्याप्त, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के मूल उद्देश्य की प्राप्ति के लिये विभाग सक्षत प्रयासरत है।
कतिपय नगरों / क्षेत्रों में दूषित जलापूर्ति के समाचार प्रकाशित होते हैं। इस सम्बन्ध में नागरिकों से अनुरोध है कि निम्नानुसार सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।
• पेयजल एवं सीवर से सम्बन्धी शिकायत के लिए “शिकायत निवारण केन्द्र टोल फ्री नं० 1916 अथवा 1800-180-4100 से सम्पर्क करें।
. समस्या का कारण मुख्यतः पाइप लाईन में लीकेज है जो जल संस्थान की पाईप के साथ-साथ अधिकांश उपभोक्ताओं के कनैक्शन के ऐसे पाईप हैं जो नाली/आदि के अन्दर/बीच से गुजरते हैं। अपने आस-पास लगे पाईपों की लीकेज पर विशेष ध्यान दें एवं छोटी से छोटी लीकेज की सूचना जल संस्थान के क्षेत्रीय कार्यालय / मुख्यालय को दें।
• विभागीय कर्मचारियों द्वारा जाँच के समय यदि व्यक्तिगत कनैक्शन के पाईप में लीकेज पाई जायेगी तो बिना अन्य नोटिस के तत्काल कनैक्शन बन्द कर दिया जायेगा और अर्थदण्ड लिया जा सकता है। प्रदूषण की समस्या का अन्य प्रमुख कारण लाईन पर सीधे टुल्लू पम्प लगाना है। पम्प
• लगाने से लीकेज वाले स्थानों पर भरा गन्दा पानी पाईप लाइन में प्रवेश कर जाता है और प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। • यदि देखने में पानी स्वच्छ न ही अथवा उसमें अशुद्धियों के कण दिखायी दें अथवा बदबू
हो तो क्लोरीन टेबलेट को प्रयोग में लायें। प्रायः जलापूर्ति के आरम्भ में थोड़ी देर गन्दा
पानी आने की शिकायत रहती है बाद में पानी स्वच्छ हो जाता है। स्वच्छ पानी एकत्रित करें। इसके अतिरिक्त हम आपकी सेवा बेहतर कर सकें, इसके लिये हम आपसे निम्न निवेदन करते
है-
पेयजल अमूल्य मूल्य है, कृपया इसका सदुपयोग करें।
1. 2. पेयजल की बरबादी तथा अवैधानिक उपयोग किसी अन्य को प्यासा रख सकता है.
अतः कृपया ऐसा न करें।
3. विभाग को देयकों का समयान्तर्गत भुगतान कर पेयजल व्यवस्था में सहयोग करें।